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जंगलों में इंसानी दखल 1.10 करोड़ लोग रोज लकड़ी काटने जंगल में जाते हैं 7 से 8 करोड़ जानवर चरने के लिए जंगलों में जाते हैं हजारों लोग पिकनिक-पार्टीज के लिए जंगलों में रोज जाते हैं। हजारों लोग मॉर्निंग वॉक, साइक्लिंग और एक्सरसाइज के लिए जंगल से सटी सड़कों पर जा रहे हैं घने जंगलों के बीच लोग फॉर्म हाउस बना रहे हैं कई सरकारी और निजी परियोजनाएं जंगलों में आकार ले रही हैं Football Board Games, दरिगांव थाना की पुलिस सूचना पर मौके पर पहुंची और अपनी मौजूदगी में बोरे में बंद कर रखी गई शराब बरामद की। स्थानीय लोगों ने बताया कि आसपास के कुछ लोग शराब बनाने और बेचने का काम करते हैं। ये उन्हीं लोगों की करतूत है।
सभी ऋषिगण और देवताओ ने मां और परमपिता को नमन किया और उनकी प्रदक्षिणा की और अपना अपना स्थान ग्रहण किया। किन्तु भृँगी महर्षि मां पार्वती और शिव जी को साथ देख कर थोड़े चिंतित थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो शिव जी की प्रदक्षिणा कैसे करे। बहुत विचारने के बाद भृँगी ने महादेव जी से कहा कि वे अलग खड़े हो जाए। शिवजी जानते थे भृँगी के मन की बात। वो मां पार्वती को देखने लगे। माता उनके मन की बात पढ़ ली और वो शिवजी के आधे अंग से जुड़ गई और अर्धनारीश्वर रूप में विराजमान हो गई। अब तो भृँगी और परेशान कुछ पल सोचने के बाद भृँगी ने एक राह निकाली। भवरें का रूप लेकर शिवजी के जटा की परिक्रमा की और अपने स्थान पर खड़े हो गए। माता पार्वती को भृँगी के ओछी सोच पर बहुत क्रोध आ गया। उन्होंने भृँगी से कहा तुम्हें स्त्रियों से इतना ही परहेज है तो क्यों न तुम्हारे में से स्त्री शक्ति को पृथक कर दिया जाए और मां पार्वती ने भृँगी से स्त्रीत्व को अलग कर दिया। अब भृँगी न तो जीवितों में थे न मृत थे। उन्हें अपार पीड़ा हो रही थी। वो मां पार्वती से क्षमा याचना करने लगे। तब शिवजी ने मां से भृँगी को क्षमा करने को कहा। मां पार्वती ने उन्हें क्षमा किया और बोली संसार में स्त्री शक्ति के बिना कुछ भी नहीं। बिना स्त्री के प्रकृति भी नहीं पुरुष भी नहीं। दोनों का होना अनिवार्य है और जो स्त्रियों को सम्मान नहीं देता वो जीने का अधिकारी नहीं। Casino Royale Online India क्यों शहरों में आ रहे टाइगर?