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cyclonic storm biperjoy: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र मंगलवार शाम चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' (Biparjoy) में तब्दील हो गया। 'बिपरजॉय' नाम बांग्लादेश द्वारा दिया गया है। शाम 5.30 बजे यह गोवा से लगभग 920 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, मुंबई से 1050 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था। आईएमडी ने एक बुलेटिन में कहा कि दक्षिण-पूर्व और आसपास के पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र 4 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति के साथ लगभग उत्तर की ओर बढ़ा और एक चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' में तब्दील हो गया। शाम 5.30 बजे यह गोवा से लगभग 920 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, मुंबई से 1050 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम, पोरबंदर से 1130 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और कराची से 1430 किलोमीटर दक्षिण में स्थित था। इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। इस दौरान केरल-कर्नाटक तटों और लक्षद्वीप-मालदीव इलाकों में 6 जून और कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर 8 से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है। समुद्र में उतरे मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है। आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और इसके गहरा होने से मानसून का केरल तट की ओर आगमन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है, हालांकि मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी 'स्काईमेट वेदर' ने बताया कि केरल में मानसून 8 या 9 जून को दस्तक दे सकता है लेकिन इस दौरान हल्की बारिश की ही संभावना है। उसने कहा कि अरब सागर में मौसम की ये शक्तिशाली प्रणालियां अंदरुनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं। इसके प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे संघर्ष करना पड़ेगा। स्काईमेट ने पहले मानसून के 7 जून को केरल में दस्तक देने का पूर्वानुमान जताया था और अब यह 3 दिन पहले या बाद में हो सकता है। स्काईमेट ने कहा था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस समयावधि के भीतर आने की संभावना है। मानसून की शुरुआत तब मानी जाती है, जब लक्षद्वीप, केरल और तटीय कर्नाटक में लगातार 2 दिनों में निर्धारित वर्षा होती है। तदनुसार वर्षा का प्रसार और तीव्रता 8 या 9 जून को इन आवश्यकताओं से मेल खा सकती है, हालांकि मानसून की शुरुआत जोरदार तरीके से नहीं हो सकती है। आईएमडी में वरिष्ठ वैज्ञानिक डीएस पई ने बताया कि केरल में सोमवार को भी अच्छी बारिश हुई और स्थितियां अगले 2 से 3 दिन में मानसून के आगमन के लिए अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि चक्रवाती तूफान और बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दाब के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश होगी। चक्रवात के कमजोर होने के बाद मानसून दक्षिणी प्रायद्वीप से आगे बढ़ेगा। दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल में प्रवेश करता है जिसमें 7 दिन आगे या पीछे हो सकता है। मई के मध्य में आईएमडी ने कहा था कि मानसून 4 जून तक केरल में दस्तक दे सकता है। दक्षिण-पूर्वी मानसून पिछले साल 29 मई को, 2021 में 3 जून, 2020 में 1 जून, 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था। आईएमडी ने पूर्व में कहा था कि अल नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। Edited by: Ravindra Gupta Fun88 Bet Sports Start Winning Now! Win Big, Play Big - Today! कुछ डांट का, कुछ प्यार सा, खट्टा मीठा रिश्ता हमारा,
आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर कहा, सत्ता के नशे में अंधी भाजपा सरकार हरियाणा की बेटियों के साथ-साथ, अब किसानों को भी कुचलने लगी है। किसान अपनी फसल पर MSP मांग रहे थे, जिसका वादा खुद पीएम मोदी ने किया था, लेकिन खट्टर सरकार MSP देने की जगह किसानों को लाठियों से पीट रही है। किसानों पर मारी गई लाठियां BJP सरकार को पड़ेगी भारी‼️ Texas Holdem Poker Online Practice, उन्होंने कहा, हम सुन रहे हैं यहां जून में बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेली जाती है। काउंटी के मैच यहां खेले गए हैं। हमने देखा था कि दो सप्ताह पहले यहां मैच खेला गया था। ऐसा नहीं है कि इस मैदान पर यह इस सत्र का पहला मैच होगा। हम इससे अच्छी तरह वाकिफ हैं कि परिस्थितियां कैसी हैं और अगले पांच दिन में क्या होने वाला है।
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Fun88 Online Casino India Real Money हमारी सरकार को ईंधन की गुणवत्ता को बढ़ाकर पॉल्यूशन को काफी हद तक कंट्रोल करने पर जोर देना चाहिए। जिससे उसमें उपलब्ध जरूरी तत्वों की मात्रा आवश्यकता से अधिक न हो तथा उत्सर्जन निर्धारित मानक अनुसार रहे। ईंधन से ज्यादा प्रदूषण करने वाले तत्वों की कमी कैसे की जाए इस पर भी सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए। कम पॉल्यूशन करने वाले ईधन जैसे सीएनजी, एलपीजी इत्यादि का अधिक प्रयोग करने लिए लोगों में जागरूकता बढ़ानी चाहिए, साथ ही साथ यातायात प्रणाली में सुधार करना चाहिए। आज सरकारों को उत्सर्जन मानकों का भी सुदृढ़ीकरण करने की जरूरत है। अगर लोग साइलेंसर पर केटालिक कनवर्टर लगाएं तो भी वाहन द्वारा होने वाले वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है। सरकार को लोगों को वाहनों का समय पर मेंटेनेंस कराने के लिए जागरूक करना चाहिए। जागरूक लोगों को स्वतः ही अपने वाहनों का मेंटेनेंस करना चाहिए। Weather Forecast: मौसम के बदलते मिजाज के कारण राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में गर्मी में भी सुहावना मौसम का लोग लुत्फ उठा रहे हैं। बीच-बीच में होने वाली बारिश (Rain) और बूंदाबादी ने लगातार लोगों को गर्मी के तपिश से बचाया है। इस बीच लोगों को मानसून (Monsoon Update) का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का लेटेस्ट अपडेट लोगों को परेशानी हो सकती है। IMD के अनुसार 8 से 11 जून के बीच तापमान बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने पहले ही बताया था कि बिहार में 7 से 11 जून, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 7 से 10 जून के बीच हीटवेव जारी रहेगी। 7 जून से 11 जून के बीच, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, रायलसीमा, तेलंगाना, झारखंड और तटीय आंध्र प्रदेश सहित क्षेत्रों में लू जारी रहने की उम्मीद है। इस बीच विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटों में केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए स्थितियां अनुकूल हो रही हैं। पूर्वी मध्य और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान बिपरजोय धीरे-धीरे उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। 7 जून को 5.30 बजे यह अक्षांश 12.6 उत्तर और 66.1 देशांतर पूर्व के पास था। गोवा से लगभग 890 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, मुंबई से 1,000 किमी दक्षिण-पश्चिम और पोरबंदर से 1,070 किमी दक्षिण-पश्चिम में था। इसके अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर की ओर बढ़ने और एक बहुत गंभीर चक्रवात में बदलने की उम्मीद है। इसके बाद यह उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा। पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और उससे जुड़ने वाले क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और पंजाब पर बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ पर बना हुआ है। एक ट्रफ पूर्वी बिहार से पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना होते हुए उत्तर आंतरिक कर्नाटक तक जा रही है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र म्यांमार तट के पास बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट के अनुसार आज गुरुवार को गंभीर चक्रवात बिपारजॉय अगले 24 घंटों में अति भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा। यह कुछ समय के लिए उत्तर दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा और फिर उत्तर-उत्तर पश्चिम की दिशा में मुड़ जाएगा। आज गुरुवार को लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और केरल में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो भारी बारिश हो सकती है। रायलसीमा, कर्नाटक और पश्चिमी हिमालय में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। राजस्थान में धूलभरी आंधी की गतिविधियों के साथ हल्की बारिश हो सकती है। दक्षिण महाराष्ट्र, तेलंगाना, तटीय आंध्रप्रदेश, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तरी पंजाब और सिक्किम में हल्की बारिश संभव है। दिल्ली में 4-5 दिनों तक लू चलने की आशंका नहीं : दिल्ली के अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होने का अनुमान है, लेकिन अगले 4 से 5 दिन तक लू की आशंका नहीं है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जबकि अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री कम है। एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ-कुछ समय के अंतराल पर बारिश होने से दिल्ली में जून महीने की शुरुआत में उतनी गर्मी नहीं रही है जितनी होती है। इस महीने में अधिकतम तापमान अब तक 40 डिग्री के नीचे ही रहा है। आईएमडी के अनुसार सफदरजंग वेधशाला ने इस साल अब तक लू की स्थिति दर्ज नहीं की है और ऐसा 2014 के बाद पहली बार हुआ है। मौसम विज्ञानियों ने इस मानसून-पूर्व मौसम (मार्च से मई) में अधिक वर्षा और सामान्य से कम तापमान के लिए सामान्य से अधिक पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार ठहराया है। यह मौसम प्रणाली भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती है और उत्तर-पश्चिम भारत में इससे बेमौसम बारिश होती है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आगे लू नहीं चलेगी। केरल में मानसून की शुरुआत में पहले ही देरी हो चुकी है और मौसम विज्ञानियों ने चक्रवात बिपारजॉय के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप से आगे मानसून में धीमी प्रगति की आशंका जताई है और राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। आईएमडी ने पिछले महीने उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य या सामान्य से कम मानसून का अनुमान जताया था जिसका अर्थ है अधिक शुष्क और गर्म दिन। आईएमडी के अनुसार दिल्ली में 36 साल में मई का महीना पहली बार बेहद कम गर्म दर्ज किया गया। इस बार अधिक बारिश के कारण अधिकतम तापमान औसतन 36.8 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया। मौसम केंद्र ने पिछले साल मानसून-पूर्व मौसम में 9 अप्रैल और 4 मई के बीच 13 दिन लू की स्थिति दर्ज की थी। वर्ष 2021 में इस अवधि के दौरान सिर्फ 1 दिन, 2020 में 4 दिन और 2019 में भी 1 दिन लू चली थी। लू की स्थिति तब होती है, जब किसी मौसम केंद्र पर अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पर्वतीय क्षेत्रों में 30 डिग्री तक पहुंच जाता है और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री तापमान अधिक होता है। Edited by: Ravindra Gupta
इस साल वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे का स्लोगन food safety is everyone business निर्धारित किया है। यानि खाद्य की सुरक्षा हर किसी की ज़िम्मेदारी है। अगर आप एक ग्राहक हैं तो खाने की सुरक्षा चेक करना आपकी ज़िमेदारी है। साथ ही सरकार को भी खाने की क्वालिटी, नियम और सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। चलिए जानते हैं इस दिवस से जुडे कुछ स्लोगन...... जैसा होगा आहार, वैसे होंगे विचार स्वच्छ खाना, सेहत का खजाना खाना हो सुरक्षित, बच्चों को करें शिक्षित घर का भोजन सेहत बनाए, बहार का भोजन हॉस्पिटल पहुंचाए खाने से पहले, खाने के बाद, खाद्य सुरक्षा आपके हाथ Texas Holdem, बृहस्पति और शनि हमारे सौरमंडल के क्रमश: 2 सबसे बड़े ग्रह हैं। दोनों के पास अपने अनेक उपग्रह यानी चंद्रमा हैं। लेकिन लगता है मानो दोनों के बीच होड़ चल रही है कि किस के पास सबसे अधिक चंद्रमा हैं। सूर्य से शुरू करते हुए देखने पर सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (गुरु/ Jupiter) के बाद 6ठे नंबर पर शनि दिखाई पड़ता है। पृथ्वी से 9.5 गुना बड़े 1,20,500 किलोमीटर व्यास वाले इस ग्रह को पहचानना बहुत आसान है, क्योंकि वह तश्तरीनुमा छल्लों से घिरा हुआ है। कभी बृहस्पति आगे तो कभी शनि : वैज्ञानिकों को पिछले कुछ वर्षों की अपनी खोजों में इन दोनों विराट ग्रहों के नए-नए उपग्रहों का सुराग मिलता रहा है। कभी बृहस्पति (Jupiter) की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों की संख्या बढ़ गई तो कभी शनि (Saturn) के उपग्रहों की संख्या सबसे अधिक निकली। हाल ही की एक नई खोज में एक ही बार में शनि के 62 ऩए उपग्रहों का पता चला। रिंगनुमा वलयों से घिरे इस अनोखे ग्रह के उपग्रहों की कुल संख्या एक ही बार में अब 100 का आंकड़ा पार कर गई है। 5 ही वर्ष पूर्व 2018 की चंद्र-गणना के समय बृहस्पति के 12 नए चंद्रमा मिले थे और वह शनि को पीछे छोड़कर सबसे अधिक चंद्रमाओं का मालिक बन गया था। 2019 में शनि के भी 20 नए चंद्रमाओं का पता चला। 2023 के आरंभ में बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या में 12 और नाम जुड़ गए। इस प्रकार उसके सभी चंद्रमाओं की संख्या बढ़कर 92 हो गई। उस समय शनि के चंद्रमाओं की कुल संख्या 83 थी। कम्प्यूटर आधारित विशेष विधि : शनि के 62 नए चंद्रमा अमेरिका में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्य़ालय के खगोलविदों की खोज हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका के ही हवाई द्वीप पर के एक दूरदर्शी (टेलीस्कोप) को 2019 से शनि पर केंद्रित कर रखा था। टेलीस्कोप द्वारा ली गईं तस्वीरों का उन्होंने कम्प्यूटर आधारित एक विशेष विधि की सहायता से विश्लेषण किया। 'स्टेपल मेथड' नाम की इस विधि से अत्यंत दूर के ऐसे आकाशीय पिंडों का भी पता लगाया जा सकता है, जो केवल ढाई किलोमीटर ही बड़े क्यों न हों। इसे सुनिश्चित करने के लिए, कि जिन पिंडों का पता चला है, वे शनि ग्रह के पास से गुजरते हुए कोई क्षुद्रग्रह (एस्टोराइड) आदि नहीं बल्कि वाकई उस के उपग्रह हैं, पूरे 2 वर्षों तक उनकी परिक्रमा कक्षाओं पर नजर रखी गई। कोलंबिया विश्वविद्य़ालय ने इसकी पुष्टि हो जाने के बाद ही सूचित किया कि शनि ग्रह के 62 ऩए उपग्रह मिले हैं। इसके साथ ही शनि के अब तक ज्ञात उपग्रहों की कुल संख्या बढ़कर 145 हो गई है। हमारे सौरमंडल का वह अकेला ऐसा ग्रह है जिसके पास 100 से अधिक उपग्रह हैं। अनोखी परिक्रमा कक्षाएं : इन सभी उपग्रहों की एक अलग ही विशेषता यह पाई गई है कि उनकी परिक्रमा कक्षाएं वृत्ताकार नहीं, बल्कि दीर्घवृत्ताकर (एलिप्टिकल) हैं और उनका झुकाव शनि के सौर परिक्रमा कक्षा-तल के विपरीत है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शनि के इन नए उपग्रहों की परिक्रमा कक्षाओं में मिले इस अनोखेपन का कारण शनि के ही बड़े आकार के उपग्रहों से कभी उनका टकरा जाना रहा हो सकता है। अनुमान यह भी है कि शनि के ये उपग्रह हमेशा नहीं रहे हैं, बल्कि पिछले 10 करोड़ वर्षों में ही बने हैं। मंगल पर कभी नदियां बहती थीं : हमारे सौरमंडल के पृथ्वी के बाद के चौथे ग्रह मंगल के बारे में अब यह सुनिश्चित लगता है कि उस पर कभी बड़ी मात्रा में तरल पानी बहा करता था। वहां झीलें, सागर और नदियां हुआ करती थीं। मंगल ग्रह पर विचरण कर रहे अमेरिकी रोवर 'पर्सिविअरंस' ने वहां के जेजेरो क्रेटर के ऐसे चित्र भेजे हैं जिनसे पता चलता है कि वहां कभी बलखाती नदियां भी हुआ करती थीं। इन चित्रों से यह संकेत भी मिलता है कि वहां ऐसी कई नदियां और जलधाराएं रही होंगी, जो जेजेरो क्रेटर में अपना पानी उड़ेला करती थीं। क्रेटर के चित्रों में गिट्टियां और रेतीले निक्षेप दिखाई पड़ने को इसका प्रमाण माना जा रहा है। वह जगह, जहां रोवर 'पर्सिविअरंस' को नदियों के निशान मिले हैं, उसे अंतरिक्ष यान आदि में बैठकर दूरदर्शी द्वारा देखा भी जा सकता है। इस जगह को 'श्रिंकल हैवन' नाम दिया गया है। चित्रों में मिट्टी की ऐसी लहरदार परतें भी दिखती हैं, जो बहते पानी से बना करती हैं। मिट्टी की लहरदार परतें : वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये लहरदार परतें कभी बहुत ऊंची और मोटी रही होंगी। मंगल ग्रह पर चलने वाली आंधियों जैसी तेज हवाओं ने उनके ऊपरी हिस्से छीलते हुए समय के साथ उनका आकार काफ़ी घटा दिया लगता है। ऐसी परतें पृथ्वी पर भी मिलती हैं किंतु पृथ्वी पर उन पर घास-फूस उग जाने से उनका बहुत अधिक क्षरण नहीं हो पाता। मंगल पर घास-फूस होने के कोई संकेत अभी तक नहीं मिले हैं। 'श्रिंकल हैवन' से 450 मीटर दूर 'पिनस्टैंड' नाम की जगह पर भी पानी के बहाव से बने ऐसे ही कुछ निक्षेप मिले हैं, जो 20 मीटर तक ऊंचे हैं। पृथ्वी पर नदियों आदि की सामग्री से बने इतने ऊंचे निक्षेप नहीं मिलते। वैज्ञानिक बहुत खुश हैं कि मंगल पर कभी पानी रहा होने के पहली बार ऐसे अनपेक्षित निशान मिले हैं। स्मरणीय है कि 'पर्सिविअरंस' को मंगल ग्रह पर वास्तव में बैक्टीरिया आदि जैसे आरंभिक जीवन के निशान ढूंढने के लिए 30 जुलाई 2020 को मंगल ग्रह की दिशा में रवाना किया गया था। 18 फरवरी 2021 के दिन वह मंगल ग्रह के जेजोरो क्रेटर में उतरा था। तभी से वह वहां घूम-फिर रहा है और फोटो लेने के साथ-साथ वहां की मिट्टी और चट्टानों के नमूने भी एकत्रित कर रहा है। Edited by: Ravindra Gupta (इस लेख में व्यक्त विचार/ विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/ विश्लेषण 'वेबदुनिया' के नहीं हैं और 'वेबदुनिया' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेती है।)
कांग्रेस में सर्वे में बड़ा दावा-इंडियन नेशनल कांग्रेस के सर्वे में लिखा गया कि “मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले कई सर्वे सामने आए हैं जिनमें प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती नजर आ रही है। साथ ही बीजेपी 55 सीटों से भी कम पर सिमट रही है। कांग्रेस के पास 2018 के अपने 15 महीनों का कार्यकाल और कमलनाथ जी जैसे निर्विवाद और अनुभवी नेता का साथ है। इसे लेकर वह जनता के बीच पहुंच रही है। BJP पर 18 वर्षों की देनदारियां और अधूरी घोषणाएं हैं जो गंभीर सत्ता विरोधी लहर (एंटी इनकम्बेंसी) का रूप ले चुकी है। पिछले 5 महीनों में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर 6 अलग-अलग सर्वे सामने आए हैं। सभी सर्वे में BJP की सीटें लगातार घटती जा रही हैं। इतना ही नहीं, बीजेपी के सर्वे में भी पार्टी बुरी तरह से हार रही है। Junglee Rummy Download सूत्र ने कहा कि भारत भी एशिया कप नहीं होने की स्थिति में उसी समय स्वदेश में चार या पांच देशों के टूर्नामेंट के आयोजन की तैयारी कर रहा है।श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के फैसले का इन बोर्ड के पीसीबी के साथ संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ता है, यह देखा जाना बाकी है।